डा. कुमारी आरती अपने क्षेत्र में निरन्तर एक से एक विद्वतापूर्ण रचना एवं अपने विषयों में योगदान करती आ रही है। इनका आलेख राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका है जिसमें इनके विचारों को मान्यता मिली है। इन्होंने यू.जी.सी. द्वारा प्रायोजित कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला में भाग लिया तथा अपने विचारों को सहभागियों के बीच साझा किया जिसे अनुमोदित करते हुए प्रोत्साहित किया गया। इन्हें तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित युवा महोत्सव के रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त है। साथ ही हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित ‘कादम्बनी’ पत्रिका मे इनकी कविता ‘‘प्रेरणा’’ भी प्रकाशित है जिसके लिए इन्हें पुरस्कृत भी किया गया। प्रस्तुत रचना में बुढ़ापे में होने वाले अनेक तरह के तनाव एवं पारिवारिक, सामाजिक समस्याओं से उबरने के लिए योगाभ्यासों का योगदान समेकित रुप से दर्शाया गया है जिससे बुढ़ापे को प्रसन्नता एवं संतोषजनक रुप से निभाने में सहायक सिद्ध होगा। आशा है सामान्य पाठक एवं शोधकर्ता इससे लाभ उठायेंगे एवं इसमें आवश्यक संवर्धन हेतु अपना बहुमूल्य सुझाव देने की कृपा करेंगे।