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Manisha Kulashreshtha Ke Katha Sahitya Mein Samazik Chetna

AKA: मनीषा कुलश्रेष्ठ के कथा साहित्य में सामाजिक चेतना
Author(s): Kumari Reena
675

  • Language:
  • Hindi
  • Genre(s):
  • Literature & Culture
  • ISBN13:
  • 9789389744316
  • ISBN10:
  • 9389744318
  • Format:
  • Hardcover
  • Trim:
  • 6x9
  • Pages:
  • 360
  • Publication date:
  • 09-Jan-2020

  •   Available, Ships in 3-5 days
  •   10 Days Replacement Policy

Also available at

कथा साहित्य वस्तुतः जीवन की सबसे नजदीकी विधा है। इसमें जीवन की सामयिक समस्याओं को उभार कर इस कदर प्रस्तुत किया जाता है कि हर घटना जीवंत लगती है। साहित्य समाज की अभिव्यक्ति है। प्रस्तुत पुस्तक में साहित्य में वर्तमान युग की प्रमुख विचारधारा ‘सामाजिक चेतना‘ को विभिन्न सन्दर्भों में अभिव्यक्त करने का प्रयास किया गया है। लेखिका का ‘मनीषा कुलश्रेष्ठ‘ के कथा साहित्य में निरूपित तथ्यों को खोजकर उन्हें पाठक वर्ग के समक्ष प्रस्तुत करना ही प्रमुख उद्देश्य है। इस पुस्तक के माध्यम से आधुनिक युग में विवाह या दाम्पत्य जीवन में आने वाली विश्रृंखलताओं तथा मध्यम वर्ग के टूटते हुए व्यक्ति के मानसिक उद्वेवलन, पुरूष की पैशाचिक कामुकता, देह की भूख, वेश्यावृति, आतंकवाद एवं विस्थापन की पीड़ा, रीति-रिवाज, अनमेल विवाह, बाहरी दिखावा, पाश्चात्य प्रभाव, बदलते परिपेक्ष्य और स्त्री विमर्श को यथार्थ रूप में उभारने की कोशिश के साथ नई गरिमा सहित फलक पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। समाज की तह तक जाकर पात्रों के माध्यम से समस्याओं का विश्लेषण करते हुए सच को प्रदर्शित करना ही इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य है। इन्हीं तथ्यों को आधार बनाकर प्रस्तुत पुस्तक लिखी गई है।

Kumari Reena

Kumari Reena

लेखिका का जन्म लुधियाना पंजाब में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा पंजाब में हुई तत्पश्चात् वह सपरिवार शिमला आ बसीं और आगे की शिक्षा शिमला में हुई। लेखिका ने स्नातक, एम.ए., एम.फिल. और पीएच.डी. की उपाधि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से प्राप्त की। लेखिका ने यूजीसी/नेट/जेआरएफ परीक्षा उर्तीण की और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में जूनियर एवं सीनियर रिसर्च फैलो भी रही। इनकी पीएच.डी. का शोध कार्य ‘मनीषा कुलश्रेष्ठ के कथा साहित्य में सामाजिक चेतना’ पर केन्द्रित था। शोधकार्य निर्देशिका प्रोफेसर (डॉ.) जोगेश कौर के निर्देशन में किया गया। लेखिका ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्तुति एवं प्रतिभागी के रूप में सहभागिता की है। इनके लेख एवं कविताएं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इन्हें सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग लेना, नये-नये साहित्यकारों द्वारा रचित साहित्य को पढ़ना, लेखन के साथ-साथ संगीत सुनना और पेंटिग करना पसंद है।

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