मै वो राह नहीं जिसपर चलना दुष्कर होए मै मार्ग हूँ भटकाव नहीं,
जैसे आप हैं वैसा ही हूँए
विशेष नहीं हूँ शेष हूँ स दुर्लभ नहीं हूँ सुलभ हूँ ।
मै एक सामान्य उत्तर भारतीय परिवार मे दिल्ली राजौरी गार्डन क्षेत्र मे 1965 ब्लैक आउट परिस्थिति मे जन्म हुआ हूँ। मै एक सामान्य व्यक्ति प्राइवेट कम्पनी मे कार्य कर जीवन का निर्वाह करता रहा आखिर मे यूनिट इंचार्ज व डिपार्टमेंट इंचार्ज की भूमिका निभाई व वर्तमान मे ओला एप्प इत्यादि के जरिये वाहन चला जीवन व्यतीत कर रहा हूँ ।
माँ शारदे सरस्वती की कृपा व माता पिता के संस्कारों से परवरिश प्राप्त होने पर मेरे मन मे हमेशा ही समाज मे व्याप्त बुराइयों के होने से मै व्यथित रहता था और कारणवश स्वयंँ ही लिखना प्रारम्भ कर दिया। कभी समाज के बीच लेखन को बेचने या अपने लिखे को प्रचारित कर ख्याति प्राप्त करने की कुचेष्टा नहीं ही करी। किन्तु उम्र के ढलाव पर मन मे विचार घर कर गया कि माँ शारदे की व मातपिता की प्रेरणा समाज तक पहुँचाने का प्रयास तो करना ही चाहिये।