रंजना शर्मा पराशर का जन्म 14 अप्रैल 1979 को वैशाखी वाले दिन अपने माता-पिता की प्रथम संतान के रूप में पठानकोट में हुआ था। हिमाचल प्रदेश की रहने वाली रंजना शर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा उत्तरी भारत के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों से पूरी की। बचपन से ही पढ़ने और पढ़ाने की शौकीन रंजना को कविताएं कहने में आनंद आता था पर स्कूल में हुई एक घटना ने इस शौक को पढ़ने की बजाय लिखने की तरफ इस तरह मोड़ दिया कि दिल में आने वाले विचारों को लिखते-लिखते धीरे-धीरे बहुत सारी कविताओं और कहानियों का संग्रह तैयार हो गया। उन्हीं कविताओं में से कुछ कविताओं को इस पुस्तक गुज़रे वक्त की याद आती है के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
स्कूली शिक्षा के बाद अपनी उच्च शिक्षा हिमाचल से पूरी करने के बाद देश और विदेश में बतौर अध्यापक अपनी सेवाएं देते हुए कविताएं और कहानियां लिखने का शौक आज भी उसी तरह नया सा है और कभी भी पलों में ही कविताएं और कहानियां तैयार हो जाती है। कुछ कविताएं और कहानियां कागज तक पहुंच जाती है और कुछ शब्दों के बाद जुबान से निकलकर इस वातावरण में ही खो जाती हैं, फिर भी कविताएं लिखने और कहने का यह सफर निरंतर चला हुआ है और आखिरी सांस तक चलता ही रहेगा।