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Andhere Ki Roshani

AKA: अंधेरे की रोशनी
Author(s): Jai Narayan Singh
125

  • Language:
  • Hindi
  • Genre(s):
  • General Fiction
  • ISBN13:
  • 9788119232154
  • ISBN10:
  • 8119232151
  • Format:
  • Ebook
  • Pages:
  • 231
  • Publication date:
  • 19-Apr-2023

Available at

Printed copies available at

अंधेरा अन्त नही अंधेरा तो हमें साक्षात्कार कराता है खुद के अस्तित्व से, प्रकाश की किरणों से, नवविहान से।

अंधेरे को अपने ऊपर घमण्ड नहीं बल्कि वह छटपटाता रहता है प्रकाश के आने को जिससे उसके ऊपर लगा कालिमा का दाग मिट जाए। अंधेरा मृत्यु नहीं वरन पिछले जन्म के पापों का प्रायश्चित हैं जो पुण्य के प्रकाश से धुल जाते हैं। अंधेरे की रोशनी देने वाला भले भगवान न हो पर भगवान से कम नहीं होता। हजारों घरों को जो आत्मनिर्भर बनाए, बिछड़ों को मिलाए, बच्चों को किलकारी दे, पशु पक्षियों को चारा पानी दे, जन जन में सुख बांट दे वह प्रकाश पुंज समाज के लिए भगवान से कम नहीं। ऐसा ही है इस कहानी का नायक जो पर्दे के पीछे रहकर समाज को उजाला देता है। अंधेरे की रोशनी बनकर घर घर गांव गांव लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देता है। पूरे देश को आत्मनिर्भर करने, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने और देश को विकासशील से विकसित की श्रेणी में लाने के संकल्प को खुद का मिशन बनाकर चलने वाला हमारा नायक महान है। वह अंधेरे की रोशनी है, वह प्रेरणास्रोत है।

Jai Narayan Singh

Jai Narayan Singh

जय नारायण सिंह, एक समाज सेवी और शिक्षाविद पिता स्व. सत्य नारायण सिंह की देख-रेख में पले व बढ़े हैं, स्वाभाविक है उनमें अपने पिता जैसी समाज उत्थान की सोच और साहित्य से लगाव का होना। आपका जन्म 15 जनवरी 1954 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के सुदूर में स्थित ग्रामीण क्षेत्र के गांव भवानीपुर में हुआ था।

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