"बूंद बूंद टपकता पानी" नामक पुस्तक में मेरी सोलह कहानियों का संग्रह है। इन कहानियों में विभिन्न पात्र समाज से लिए गए हैं जो वास्तविक घटनाओं के आधार पर लिखी गई हैं। पुस्तक में आपको "बकुलिहा बाबू", "गृहलक्ष्मी", "दिवाली", "पहला प्यार", "पटवारी लाला श्याम बिहारी", "भाग्य विधाता", "धन्नासेठ", "मोहगु भौकाली", "कल्लू मवाली", "बीरेन बाबू", "दानवीर" जैसे विभिन्न पात्रों की कहानियां मिलेंगी। कुछ कहानियां गांवों में फैली दन्त कथाओं पर आधारित हैं, जैसे "पूदन गोसाईं की पंचायत" और "रामानन्दन चौबे की तेरहीं"। अंतिम कहानी "बाबा मिश्रीलाल" एक भिखारी की कहानी है। यह पुस्तक आप सभी को कुछ न कुछ सीखने का अवसर देगी और बाहरी अराजक तत्वों से बचाएगी।